काव्य मुक्तांगण.
- पोलिस शिपाई सच्चा .
काव्यप्रकार --- अभंग
(८,८,८,७)
पोलिस शिपाई सच्चा//
पुत्र भारत मातेचा //
त्याला सलाम आमचा //
खरा तो सेवेकरी //१//
सोसून कष्ट झटतो //
अथक सेवा करतो //
शान देशाची राखतो //
स्वाभिमान देशाचा//२//
नसते लक्ष संसारा//
नाही दिवाळी दसरा //
सोसून हा ऊन वारा//
सज्ज रक्षणासाठी//३//
निवांत आपल्या रात्री//
त्याने जागवल्या रात्री//
घेऊन बंदूक हाती//
लोक रक्षणासाठी //४//
काळ तो गुन्हेगारांचा //
रक्षक तो जनतेचा //
ध्यास लोक रक्षणाचा //
सदैव त्याच्या मनी //५//
वाहिलं सारं जीवन //
थोर त्याचे बलिदान//
पोलिस सच्चा महान //
सेवेकरी देशाचा//६//
✍🏻 सौ . सुवर्णा सोनवणे.
चाळीसगाव
७७४४८८००८७
टिप्पण्या
टिप्पणी पोस्ट करा